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*डूब पीड़ितों की खंडवा में बैठक संपन्न*

*व्यवसायिक और आवासीय भूखंडों का मिले मालिकाना हक*

एडिटर/संपादक:-तनीश गुप्ता,खण्डवा

*डूब पीड़ितों की खंडवा में बैठक संपन्न*

*व्यवसायिक और आवासीय भूखंडों का मिले मालिकाना हक*

*भूखंडों पर मिले ऋण सुविधा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ*

*पुनर्वास नीति का यथावत पालन करने की मांग*

खण्डवा//*सोमवार खंडवा के नारायण नगर में इंदिरा सागर बांध से विस्थापित तीन जिलों हरदा ,देवास और खंडवा के प्रतिनिधि शामिल हुए । बैठक में विस्थापितों ने आक्रोश जताते हुए शासन और एनएचडीसी पर गंभीर आरोप लगाए। डूब पीड़ितों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने रणनीति बनाई। इसके अंतर्गत विस्थापित संगठन के सदस्य इंदिरा सागर बांध की डूब में आए गांवों के कुल 73 पुनर्वास स्थलों का दौरा करेंगे और डूब वासियों की समस्याएं एकत्रित करेंगे उसके बाद विस्थापितो के हक में लड़ाई जारी रखेंगे ।बैठक में यह तय किया गया की एन एच डी सी के खंडवा स्थित कार्यालय को बंद नहीं होने दिया जाएगा ।इसके लिए विस्थापितों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल राजधानी भोपाल में एनएसडीसी के सीएमडी से मुलाकात करेगा। बैठक में विस्थापितो ने शासन और एन एच डी सी पर आरोप लगाए कि इंदिरा सागर बांध की डूब मैं आए 249 गांव के लोगों की आवासीय, व्यावसायिक एवं कृषि भूमि तो तत्काल छीन कर अपने नाम से कर ली और डूब पीड़ितों को बेदखल कर दिया गया परंतु दूसरी ओर डूब पीड़ितों को आवंटित आवासीय और व्यवसायिक भूखंडों का 20 साल बाद भी मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है ।विस्थापित संघ के चंद्र कुमार सांड ने बताया कि नया हरसूद में एन एच डी सी ओर शासन ने पैसा लेकर व्यवसायिक भूखंड आवंटित किए परंतु बीस साल बाद भी उसका मलिकाना हक नहीं मिल पाया।डूबवासी अपने ही हक के लिए लड़ाई लड़कर परेशान और हताश हो गए हैं । विस्थापित संगठन के सुजान सिंह राठौड़ ने एनएचडीसी ओर शासन पर आरोप लगाया की इंदिरा सागर बांध बनाने हेतु केंद्र सरकार के निर्देश पर पुनर्वास नीति बनाई गई और बेहतर जीवन यापन के लिए दीवा स्वप्न दिखाए गए परंतु शासन और एन एच डी सी द्वारा इसका रत्ती भर भी पालन नहीं किया गया और 20 साल से डूबपीड़ित बद से बदतर जीवन जीने के लिए मजबूर है। राठौर ने बताया कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है की प्रदेश के मुखिया अभी कुछ दिन पूर्व ही नए हरसूद में आए परन्तु उन्होंने डूब वासियों की सुध तक नहीं ली । हरसूद में लगभग चौबीस सो आवासीय भूखंडों का मालिकाना हक तो दे दिया गया परंतु इन भूखंडों का नामांतरण, फोती नामांतरण , ऋण सुविधा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बैठक में सुजान सिंह राठौड़ जगदीश सांकले अधिवक्ता जबलपुर,दीपेंद्र सोलंकी, कैलाश पवार सरपंच बोरी माल ,छोटू जाट नमनपुर देवास ,मधुसूदन सारण इकबाल पटेल, संतोष कुंसारिया ,गोपाल साबनेर लक्ष्मण , सुरेन्द्र खंडेलवाल, दिलीप पूर्वले सहित कई लोग शामिल हुए।*

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